इन 7 मामलों में भारत ने विश्व की महाशक्तियों को भी पीछे छोड़ा
सदियों पहले अंतरिक्ष की दूरियों को नापने वाले
भारत का इतिहास काफ़ी गौरवपूर्ण रहा है. आज
बेशक दुनिया अमेरिका और चीन को महाशक्ति के रूप
में देखती हो, पर आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत
का सिक्का चलता है. आज हम आपको भारत से जुड़े
कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं, जहां भारत अव्वल है.
इंडियन आर्मी
1962 में चाइना के हाथों हार का सामना करने के
बाद इंडिया को बर्फ़ में भी लड़ने की काबिलियत
हासिल करने की ज़रूरत महसूस हुई. इसके लिए
भारत ने दुनिया के सबसे दुर्गम स्थलों में से एक, सियाचिन में भी अपनी फ़ौज की तैनाती की. यह फ़ौज न सिर्फ़ बर्फ़ीली वादियों में लड़ने की योग्यता रखती है,
बल्कि किसी भी परिस्थति में दुश्मनों के छक्के
छुड़ाने का माद्दा रखती है.
अंतरिक्ष में आगे
एक समय था, जब हम अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए
अमेरिका और रूस पर निर्भर थे. पर आज हम
अंतरिक्ष परियोजनाओं के मामले में दुनिया के सबसे
शक्तिशाली देशों में से एक हैं. दुनिया के कई
विकसित देश अपनी अंतरिक्ष योजनाओं के लिए
हिंदुस्तान पर निर्भर है.
परमाणु कार्यक्रम के लिए आत्मनिर्भर
1998 के परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र
द्वारा भारत पर परमाणु प्रतिबंध लगा दिया गया
था. हालांकि यह प्रतिबंध हटा लिया गया है, पर
अन्य देशों का रवैया आज भी नहीं बदला है, जिसकी
वजह से भारत को परमाणु ऊर्जा के उपयोग के लिए
यूरेनियम मिलने में काफी परेशानी हो रही है. इस
सबसे निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक
अनोखा रास्ता इजाद किया है. परमाणु कार्यक्रम
को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने यूरेनियम के
स्थान पर थोरियम के प्रयोग का रास्ता सुझाया
था. थोरियम के मामले में हिंदुस्तान अन्य देशों की
तुलना में काफ़ी अमीर हैं. इस प्रयोग के ज़रिये हमारे
वैज्ञानिकों ने दुनिया के सभी देशों को चौंका
दिया था.
दुनिया को योग और आयुर्वेद से रूबरू कराया
योग और आयुर्वेद के जनक के रूप में पहचान बनाने वाले भारत की दुनिया शुक्रगुजार है कि उसने इस
अद्भुत कला से दुनिया को परिचित कराया.
मंगल पर कदम रखने वाले पहले एशियाई
मंगल पर कदम रखने वाले पहले एशियाई के रूप में पहचान बनाने वाला दुनिया का चौथा ऐसा देश है, जो
अपने मंगल कार्यक्रम को पूरा करने में कामयाब हो
पाया है. भारत का मंगल कार्यक्रम इसलिए भी
महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अपने पहले ही प्रयास में
मंगल पर पहुंचने में कामयाब हो पाया था, जबकि
अन्य देशों को मंगल तक पहुंचने में कई असफ़ल कोशिशों से गुज़रना पड़ा था.
सबसे ज़्यादा इंटरनेट यूज़र वाला देश
दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश होने के
साथ ही भारत सबसे अधिक इंटरनेट उपभोक्ताओं
वाला देश भी है. सिर्फ़ 29% आबादी के साथ 35
करोड़ 40 लाख लोग भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल
करते हैं, जो कि अमेरिका, जापान और रूस जैसे
विकसित देशों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों
की संख्या से अधिक है.
दुनिया की सबसे बड़ी आई.टी. इंडस्ट्री
दुनिया के मुख्य उद्योगों में से एक आई.टी. उद्योग का
किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है.
आज देश का आईटी सेक्टर दुनिया के कई बड़े देशों को
पीछे छोड़ता हुआ दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र
है.
भारत का इतिहास काफ़ी गौरवपूर्ण रहा है. आज
बेशक दुनिया अमेरिका और चीन को महाशक्ति के रूप
में देखती हो, पर आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत
का सिक्का चलता है. आज हम आपको भारत से जुड़े
कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं, जहां भारत अव्वल है.
इंडियन आर्मी
1962 में चाइना के हाथों हार का सामना करने के
बाद इंडिया को बर्फ़ में भी लड़ने की काबिलियत
हासिल करने की ज़रूरत महसूस हुई. इसके लिए
भारत ने दुनिया के सबसे दुर्गम स्थलों में से एक, सियाचिन में भी अपनी फ़ौज की तैनाती की. यह फ़ौज न सिर्फ़ बर्फ़ीली वादियों में लड़ने की योग्यता रखती है,
बल्कि किसी भी परिस्थति में दुश्मनों के छक्के
छुड़ाने का माद्दा रखती है.
अंतरिक्ष में आगे
एक समय था, जब हम अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए
अमेरिका और रूस पर निर्भर थे. पर आज हम
अंतरिक्ष परियोजनाओं के मामले में दुनिया के सबसे
शक्तिशाली देशों में से एक हैं. दुनिया के कई
विकसित देश अपनी अंतरिक्ष योजनाओं के लिए
हिंदुस्तान पर निर्भर है.
परमाणु कार्यक्रम के लिए आत्मनिर्भर
1998 के परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र
द्वारा भारत पर परमाणु प्रतिबंध लगा दिया गया
था. हालांकि यह प्रतिबंध हटा लिया गया है, पर
अन्य देशों का रवैया आज भी नहीं बदला है, जिसकी
वजह से भारत को परमाणु ऊर्जा के उपयोग के लिए
यूरेनियम मिलने में काफी परेशानी हो रही है. इस
सबसे निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक
अनोखा रास्ता इजाद किया है. परमाणु कार्यक्रम
को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने यूरेनियम के
स्थान पर थोरियम के प्रयोग का रास्ता सुझाया
था. थोरियम के मामले में हिंदुस्तान अन्य देशों की
तुलना में काफ़ी अमीर हैं. इस प्रयोग के ज़रिये हमारे
वैज्ञानिकों ने दुनिया के सभी देशों को चौंका
दिया था.
दुनिया को योग और आयुर्वेद से रूबरू कराया
योग और आयुर्वेद के जनक के रूप में पहचान बनाने वाले भारत की दुनिया शुक्रगुजार है कि उसने इस
अद्भुत कला से दुनिया को परिचित कराया.
मंगल पर कदम रखने वाले पहले एशियाई
मंगल पर कदम रखने वाले पहले एशियाई के रूप में पहचान बनाने वाला दुनिया का चौथा ऐसा देश है, जो
अपने मंगल कार्यक्रम को पूरा करने में कामयाब हो
पाया है. भारत का मंगल कार्यक्रम इसलिए भी
महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अपने पहले ही प्रयास में
मंगल पर पहुंचने में कामयाब हो पाया था, जबकि
अन्य देशों को मंगल तक पहुंचने में कई असफ़ल कोशिशों से गुज़रना पड़ा था.
सबसे ज़्यादा इंटरनेट यूज़र वाला देश
दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश होने के
साथ ही भारत सबसे अधिक इंटरनेट उपभोक्ताओं
वाला देश भी है. सिर्फ़ 29% आबादी के साथ 35
करोड़ 40 लाख लोग भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल
करते हैं, जो कि अमेरिका, जापान और रूस जैसे
विकसित देशों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों
की संख्या से अधिक है.
दुनिया की सबसे बड़ी आई.टी. इंडस्ट्री
दुनिया के मुख्य उद्योगों में से एक आई.टी. उद्योग का
किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है.
आज देश का आईटी सेक्टर दुनिया के कई बड़े देशों को
पीछे छोड़ता हुआ दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र
है.
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