हमेशा के लिए बेशुमार : मां काप्यार
मातृत्व कोई रिश्ता नहीं है
मातृत्व कोई तजुर्बा भी नहीं है
यहां तक कि यह कोई प्यार का साकार रूप
भी नहीं है
मातृत्व कोई तजुर्बा भी नहीं है
यहां तक कि यह कोई प्यार का साकार रूप
भी नहीं है
मातृत्व अपने बच्चों की कामयाबी, उपलब्धि,
बदलाव और यहां तक कि उनकी परेशानियों संग जीने का एक खास एहसास है। और साथ ही यह महज इंसानों तक सीमित नहीं है। मातृत्व एक ऐसा एहसास है जो पूरी दुनिया के तौर पर और पूरी दुनिया भर में काम करता है।
एक मां ही वह शख्स है जो हरदम यानी 24*7
काम करती है और बदले में कभी भी कुछ नहीं
मांगती। क्या आपने कभी सोचा है कि वह
कितनी ताकतवर है। उसकी ताकत आपमें छिपी
है। एक मां के लिए, उसके बच्चे के चेहरे की
मुस्कान ही उसकी पूरी दुनिया है। वह बिना
किसी शर्त के प्यार करती है।
बदलाव और यहां तक कि उनकी परेशानियों संग जीने का एक खास एहसास है। और साथ ही यह महज इंसानों तक सीमित नहीं है। मातृत्व एक ऐसा एहसास है जो पूरी दुनिया के तौर पर और पूरी दुनिया भर में काम करता है।
एक मां ही वह शख्स है जो हरदम यानी 24*7
काम करती है और बदले में कभी भी कुछ नहीं
मांगती। क्या आपने कभी सोचा है कि वह
कितनी ताकतवर है। उसकी ताकत आपमें छिपी
है। एक मां के लिए, उसके बच्चे के चेहरे की
मुस्कान ही उसकी पूरी दुनिया है। वह बिना
किसी शर्त के प्यार करती है।
एक मां ही वह शख्स है जो यह देखकर कि चार
लोगों के लिए महज तीन पकवान हैं, फटाफट यह कह देती है कि उसके दांत में दर्द है और वह
बिल्कुल भी मीठा नहीं खा सकती। खुद को
कोई भी मां-बाप कहलवा सकता है मगर सिर्फ
एक मां ही, खुद की जरूरतों व चाहतों से भी
ऊपर अपने बच्चों को रखती है।
लोगों के लिए महज तीन पकवान हैं, फटाफट यह कह देती है कि उसके दांत में दर्द है और वह
बिल्कुल भी मीठा नहीं खा सकती। खुद को
कोई भी मां-बाप कहलवा सकता है मगर सिर्फ
एक मां ही, खुद की जरूरतों व चाहतों से भी
ऊपर अपने बच्चों को रखती है।
एक मां ही वह शख्स है जो अपने बच्चों का
झूठा भोजन जोकि पहले से ही चबाया हुआ है,
खाकर अपना पेट भर लेती है। वह ऐसा करना
जरूरी नहीं समझती, मगर आप उसके दिल में इतने गहरे बसे होते हो कि वह यह भी नहीं सोचती कि यह तो चबाया हुआ है।
झूठा भोजन जोकि पहले से ही चबाया हुआ है,
खाकर अपना पेट भर लेती है। वह ऐसा करना
जरूरी नहीं समझती, मगर आप उसके दिल में इतने गहरे बसे होते हो कि वह यह भी नहीं सोचती कि यह तो चबाया हुआ है।
एक मां ही वह शख्स है जो महज आपका चेहरा
देखकर यह बता देती है कि आपके दिमाग में
क्या चल रहा है। वह आपके साथ इतनी गहराई से जुड़ी होती है कि जब कभी भी आपको उसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो वह खुद ही तुम्हें अपने पास बुला लेती है।
देखकर यह बता देती है कि आपके दिमाग में
क्या चल रहा है। वह आपके साथ इतनी गहराई से जुड़ी होती है कि जब कभी भी आपको उसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो वह खुद ही तुम्हें अपने पास बुला लेती है।
एक मां ही वह शख्स है जो प्रसव पीड़ा से
गुजरने के बावजूद, इतनी ताकत जुटाती है
ताकि वह अपने बच्चे का पहला दीदार कर सके। और यह वैसा ही है जब पहली नज़र में प्यार हो जाता है और यहीं से हम सब अपनी मांओं से प्यार करते हैं।
गुजरने के बावजूद, इतनी ताकत जुटाती है
ताकि वह अपने बच्चे का पहला दीदार कर सके। और यह वैसा ही है जब पहली नज़र में प्यार हो जाता है और यहीं से हम सब अपनी मांओं से प्यार करते हैं।
मां अपने आप में एक पूरी दुनिया है। वह दुनिया
की रचयिता है। वह हम में से हरेक के भीतर इतनी गहराइयों तक बसी होती है कि वह हमारा ही एक हिस्सा होती है, वही पहला शब्द होती है
जिसे हम तब पुकारते हैं जब कभी भी हम दुख,
परेशानी से गुजर रहे होते हैं और किसी एक का
सहारा तकते हैं। वही वो शख्स है, जिसे हम
हल्के में लेते हैं, मगर फिर भी वह हमारे लिए सबसे जरूरी होती है।
की रचयिता है। वह हम में से हरेक के भीतर इतनी गहराइयों तक बसी होती है कि वह हमारा ही एक हिस्सा होती है, वही पहला शब्द होती है
जिसे हम तब पुकारते हैं जब कभी भी हम दुख,
परेशानी से गुजर रहे होते हैं और किसी एक का
सहारा तकते हैं। वही वो शख्स है, जिसे हम
हल्के में लेते हैं, मगर फिर भी वह हमारे लिए सबसे जरूरी होती है।
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