खुशियां एक सफर है, मंजिल नही
जैसा कि मशहूर यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने
कहा था: खुशी जिंदगी का मतलब और
मकसद है, इंसानी वजूद का पूरा मंसूबा और
इंतहा है। हम सबका जिंदगी में एक ही मकसद
होता है और वो है खुश रहना। हमारे मां-बाप
हमेशा सिखाते हैं कि अपनी जिंदगी में
कामयाब बनो मगर यह बाद की चीज है। एक
डॉक्टर, एक टीचर, एक एस्ट्रोनॉट आदि बनने
का सपना पालने की बजाए, जिंदगी का अहम
मकसद खुश रहना है और यही वह चीज है जिसके
लिए हम हरेक पल तरसते हैं।
जिंदगी एक खूबसूरत चीज है और इसमें बहुत आनन्द
व मजे हैं। मगर हमारी खुशियां चली कहां गई?
क्या हम असल में अक्सर हंसते हैं? जिंदगी ने जो
कुछ भी हमें दिया है क्या हम उसके प्रति
शुक्रगुजार हैं? जिंदगी जीने के व अपने मकसद
हासिल करने के बहुत ही आसान नुस्खे हैं मगर
तवज्जो दूसरी चीजों पर टिकी हुई है क्योंकि
हम अक्सर खुशी को कामयाबी, दौलत व ऐशो-
आराम से जोड़ लेते हैं। चलिए कुछ बातों पर अमल
करें और खुशी को भीतर महसूस करें क्योंकि
खुशी दुनिया की बाहरी चीजों की बजाए
किसी शख्स की खुद की अंदरूनी सोच पर
निर्भर है।
कहा था: खुशी जिंदगी का मतलब और
मकसद है, इंसानी वजूद का पूरा मंसूबा और
इंतहा है। हम सबका जिंदगी में एक ही मकसद
होता है और वो है खुश रहना। हमारे मां-बाप
हमेशा सिखाते हैं कि अपनी जिंदगी में
कामयाब बनो मगर यह बाद की चीज है। एक
डॉक्टर, एक टीचर, एक एस्ट्रोनॉट आदि बनने
का सपना पालने की बजाए, जिंदगी का अहम
मकसद खुश रहना है और यही वह चीज है जिसके
लिए हम हरेक पल तरसते हैं।
जिंदगी एक खूबसूरत चीज है और इसमें बहुत आनन्द
व मजे हैं। मगर हमारी खुशियां चली कहां गई?
क्या हम असल में अक्सर हंसते हैं? जिंदगी ने जो
कुछ भी हमें दिया है क्या हम उसके प्रति
शुक्रगुजार हैं? जिंदगी जीने के व अपने मकसद
हासिल करने के बहुत ही आसान नुस्खे हैं मगर
तवज्जो दूसरी चीजों पर टिकी हुई है क्योंकि
हम अक्सर खुशी को कामयाबी, दौलत व ऐशो-
आराम से जोड़ लेते हैं। चलिए कुछ बातों पर अमल
करें और खुशी को भीतर महसूस करें क्योंकि
खुशी दुनिया की बाहरी चीजों की बजाए
किसी शख्स की खुद की अंदरूनी सोच पर
निर्भर है।
चलिए तुलना व प्रतिस्पर्धा को त्यागते हैं:
जिंदगी इस चीज के लिए बनी ही नहीं कि
दूसरों के साथ आपकी तुलना की जाए और
इसकी वजह यह है कि हम में से हरेक बेमिसाल है।
हम सब जोशो-खरोश से भरे हुए हैं और हम सब
इंसान हैं। हरेक में एक अलग काबिलियत है और इसे
पहचानना ही खुशी है। हम असुरक्षा की
भावना से जूझते रहते हैं इसकी वजह यह है कि हम
अपने अतीत के हालातों की तुलना हरेक चमकते
सितारे से करते हैं।
हम अपने असली रूप में ही पूरी तरह से दमदार
होते हैं। हमारी सभी कमियां, परेशानियां हमें
ये एहसास कराने के लिए जरूरी हैं कि हम हरेक
पल बढ़ रहे हैं। तो तुलना और प्रतिस्पर्धा मत
कीजिए, अपने विचारों को बदलिए और फिर
खुद जादू देखिए।
चलिए अफसोसों व गलतियों को भूलते हैं:
जिंदगी में कुछ भी अफसोस करने लायक नहीं है,
बस सबक सीखने लायक हैं। अपनी जिंदगी में
झेली गई मुसीबतों के बारे में सोचिए और एक
आईने के सामने खड़े होइए, आप साफ तौर पर एक
बेहतर, मजबूत व एक कामयाब इंसान पाएंगे।
पुराने रिश्तों से लेकर, पुराने शिकवों, बिछुड़े
लोगों, पछतावों तक और सभी मुमकिन व
लाजमी चीजों तक, खुद को उन सब चीजों से
आज़ाद कीजिए जो आप बदल नहीं सकते और
उस पर ध्यान दीजिए जो आप कर सकते हैं
यानी अपनी खुशियां व सोच। यह सबकुछ आपके
दिमाग में ही है।
चलिए डर को छोड़ते हैं:
“डर के आगे जीत तो है ही, खुशी भी है !!” डर
खुशियों के बीच की रूकावटें हैं। डर आपकी
सोच को बांध देते हैं। जिससे भी आपको डर लगे उसके पार जाओ। अगर पानी से डरते हो, तो उसके भीतर कूद जाओ। आपको एक पल के लिए डर लगेगा और फिर वह छूट जाएगा। आपको हर तरफ जन्नत महसूस होगी। इससे बेहतर कोई भी
कामयाबी नहीं होगी जब आप मुस्कुराते हुए
बाहर आएंगे। चमत्कार होने शुरू हो जाएंगे जब
आप अपने सपनों को उतनी ही ताकत देंगे
जितनी आप अपने डरों को देते हैं।
जो कुछ भी आपके पास है उसका शुक्रिया
मनाएं:
“जो कुछ भी आपके पास है उसका शुक्रिया
मनाएंगे, तो आप उससे भी ज्यादा पाएंगे। अगर
आप इस बात पर ध्यान देंगे कि आपके पास क्या नहीं है, तो आप कभी भी उतना हासिल नहीं
कर पाएंगे।” जिंदगी को इस तरह गले लगाएं कि
आप जो हैं से आप जो बनना चाहते हैं। कम की
उम्मीद रखो क्योंकि अचरज हमेशा बेहतर होते
हैं। अपनी खुशियां कभी भी ऐसी चीजों पर
मत टिकाओ जो आप खो सकते हैं। खुशी का हर पल जीओ और देखो कि यह आप पर क्या असर डालता है!! जिंदगी मुबारक हो.
जिंदगी इस चीज के लिए बनी ही नहीं कि
दूसरों के साथ आपकी तुलना की जाए और
इसकी वजह यह है कि हम में से हरेक बेमिसाल है।
हम सब जोशो-खरोश से भरे हुए हैं और हम सब
इंसान हैं। हरेक में एक अलग काबिलियत है और इसे
पहचानना ही खुशी है। हम असुरक्षा की
भावना से जूझते रहते हैं इसकी वजह यह है कि हम
अपने अतीत के हालातों की तुलना हरेक चमकते
सितारे से करते हैं।
हम अपने असली रूप में ही पूरी तरह से दमदार
होते हैं। हमारी सभी कमियां, परेशानियां हमें
ये एहसास कराने के लिए जरूरी हैं कि हम हरेक
पल बढ़ रहे हैं। तो तुलना और प्रतिस्पर्धा मत
कीजिए, अपने विचारों को बदलिए और फिर
खुद जादू देखिए।
चलिए अफसोसों व गलतियों को भूलते हैं:
जिंदगी में कुछ भी अफसोस करने लायक नहीं है,
बस सबक सीखने लायक हैं। अपनी जिंदगी में
झेली गई मुसीबतों के बारे में सोचिए और एक
आईने के सामने खड़े होइए, आप साफ तौर पर एक
बेहतर, मजबूत व एक कामयाब इंसान पाएंगे।
पुराने रिश्तों से लेकर, पुराने शिकवों, बिछुड़े
लोगों, पछतावों तक और सभी मुमकिन व
लाजमी चीजों तक, खुद को उन सब चीजों से
आज़ाद कीजिए जो आप बदल नहीं सकते और
उस पर ध्यान दीजिए जो आप कर सकते हैं
यानी अपनी खुशियां व सोच। यह सबकुछ आपके
दिमाग में ही है।
चलिए डर को छोड़ते हैं:
“डर के आगे जीत तो है ही, खुशी भी है !!” डर
खुशियों के बीच की रूकावटें हैं। डर आपकी
सोच को बांध देते हैं। जिससे भी आपको डर लगे उसके पार जाओ। अगर पानी से डरते हो, तो उसके भीतर कूद जाओ। आपको एक पल के लिए डर लगेगा और फिर वह छूट जाएगा। आपको हर तरफ जन्नत महसूस होगी। इससे बेहतर कोई भी
कामयाबी नहीं होगी जब आप मुस्कुराते हुए
बाहर आएंगे। चमत्कार होने शुरू हो जाएंगे जब
आप अपने सपनों को उतनी ही ताकत देंगे
जितनी आप अपने डरों को देते हैं।
जो कुछ भी आपके पास है उसका शुक्रिया
मनाएं:
“जो कुछ भी आपके पास है उसका शुक्रिया
मनाएंगे, तो आप उससे भी ज्यादा पाएंगे। अगर
आप इस बात पर ध्यान देंगे कि आपके पास क्या नहीं है, तो आप कभी भी उतना हासिल नहीं
कर पाएंगे।” जिंदगी को इस तरह गले लगाएं कि
आप जो हैं से आप जो बनना चाहते हैं। कम की
उम्मीद रखो क्योंकि अचरज हमेशा बेहतर होते
हैं। अपनी खुशियां कभी भी ऐसी चीजों पर
मत टिकाओ जो आप खो सकते हैं। खुशी का हर पल जीओ और देखो कि यह आप पर क्या असर डालता है!! जिंदगी मुबारक हो.
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