दुनिया की 11 ऐसी जबरदस्त और रहस्मयी जगहें जिन्हें कुदरत ने फुर्सत में बनाया है...
ब्रम्हांड की शुरुआत के पीछे “बिग बैंग” थ्योरी को
एक बड़ी वजह माना जाता है. वैसे तो हम अपनी
क्षमता के हिसाब से ही इस दुनिया और ब्रम्हांड
को देखते हैं, मगर हमारा ब्रम्हांड ख़ुद में इतनी
ख़ूबसूरती और विशेषताएं छिपाए हुए हैं कि कई
बार उन चीज़ों या जगहों को देख कर हम-आप
यकीन ही नहीं कर पाते कि ये हमारी दुनिया
का हिस्सा हैं.
तो इसी के मद्देनज़र हम आपके लिए ख़ास लेकर
आए हैं पूरी दुनिया की ऐसी जगहें और नज़ारें
जिन्हें देखने के बाद आपका दिल इनके नज़दीक
पहुंचने के लिए मचल जाएगा...
1.नरक का दरवाजा,तुर्कमेनिस्तान...
यह एक प्राकृतिक गैस क्षेत्र है जो सन् 1971 में धंस
गया था. वैज्ञानिकों,(भूगर्भशास्त्रियों) ने मिथेन
गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए वहां आग लगा दी
और तब से अब तक वे लगातार जल रहे हैं.
2. फ्लाई गीज़र, नेवादा...
यह गीज़र मात्र 5 फीट ऊंचा है जो सन् 1964 में कुंए
की खुदाई की वजह से उत्पन्न हो गया था. ऐसा
माना जाता है कि इस गीज़र के पीछे जियोथर्मल
एनर्जी का हाथ है.
3. रिचाट स्ट्रक्चर,मौरिशानिया...
इसे पहेल-पहल देखने वालों ने ऐसा माना था कि
किसी उल्कापिंड के यहां गिरने की वजह से इसका
निर्माण हुआ था. तो वहीं कई लोगों का ऐसा
मानना था कि धरती के कटाव की वजह से यह
स्ट्रक्चर बन गया था. हालांकि, इसे लेकर किसी
निष्कर्ष तक हम अब तक नहीं पहुंच पाये हैं.
4. सनातन दीप, ऑरचर्ड पार्क,न्यूयॉर्क...
इस वॉटर-फॉल के निचले हिस्से में एक गुफा है जहां से
प्राकृतिक गैस निकलती है. यह प्राकृतिक गैस दीप
की तरह जलता रहता है और जब तक इस पर कोई
बाहरी दबाव नहीं डाला जाता तब तक यह दीप
नहीं बुझता है.
5. सालार दे यूयूनी, बोलीविया...
पूरे विश्व में सबसे बड़ा और समतल नमक के मैदान का
निर्माण हुआ था जब एक प्रागैतिहासिक झील
बिल्कुल से सूख गया था. इस नमकीय और क्षारीय
तल पर जल की हल्की परत जमा होने पर यह आईना
की तरह चमकता-दिखता है और इसकी सतह पर उगते-
डूबते सूरज और चंद्रमा को देखना तो बस ऐसा होता
है जैसे आप जन्नत में हों.
6. रीड फ्लूट केव, गुआंग्क्सी, चीन...
यह एक प्राकृतिक चूने की गुफा है जिसमें ऐसा लगता
है कि ईश्वर ने अपने हाथों से जगह-जगह कूचियां चलाईं
हो, और इसमें ख़ास बात यह है कि इस प्राकृतिक
पेंटिंग के पीछे की वजह को अब तक कोई नहीं जान
पाया है.
7. अपर कनारा फाल्स,कनाराविले, ऊटा...
जल के तेज बहाव और चट्टानों के क्षरण की वजह से
निर्मित इस जलीय गुफा के भीतर के नज़ारे किसी
को भी दंग कर सकते हैं. इस गुफा के भीतर घूमने पर
ऐसा लगता ही नहीं कि ये हमारी दुनिया का
हिस्सा है.
8. ऐंटिलोप कैनियन, ऐरिजोना...
इस कैनियन का निर्माण नवाजो सैंडस्टोन में क्षरण
की वजह से हुआ था. इसे देखने के बाद ऐसा लगता है
जैसे आप किसी प्राकृतिक पेंटिंग के बीच घूम रहे हों.
9. फिंजल की गुफा, स्कॉटलैंड...
इस गुफा के निर्माण के पीछे ज्वालामुखी के लावों
का ठंडा होना एक बड़ी वजह माना जाता है. इस
गुफा को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बड़े-
बड़े नट-बोल्टों को एक दूसरे के ऊपर कस दिया गया
हो.
10. झांगये डांक्सिया लैंडफॉर्म,चीन...
वैसे तो चीन ख़ुद में ख़ूबसूरत नज़ारों का अंबार है. मगर
इन रंग-बिरंगे पर्वतों को ऊपर से देखने पर ऐसा लगता
है जैसे किसी ने इन्हें फुर्सत में रंगा हो. ऐसा माना
जाता है कि प्राकृतिक क्षरण और मौसमी दाब की
वजह से इन पर्वतों के रंग में समय बीतने के साथ-साथ
बदलाव आता गया, और आज ये सारे पर्वत अद्भुत
नज़ारे प्रस्तुत करते हैं.
11. स्केफ्टाफेल, आइसलैंड...
इस बेहद ख़ूबसूरत और ठंडे गुफा का निर्माण ठंड के
मौसम में होता है जब ग्लेशियर वाली नदी जम
जाती है. इसे देखने पर तो आप विश्वास ही नहीं कर
पायेंगे कि ये हमारी दुनिया का हिस्सा है.
एक बड़ी वजह माना जाता है. वैसे तो हम अपनी
क्षमता के हिसाब से ही इस दुनिया और ब्रम्हांड
को देखते हैं, मगर हमारा ब्रम्हांड ख़ुद में इतनी
ख़ूबसूरती और विशेषताएं छिपाए हुए हैं कि कई
बार उन चीज़ों या जगहों को देख कर हम-आप
यकीन ही नहीं कर पाते कि ये हमारी दुनिया
का हिस्सा हैं.
तो इसी के मद्देनज़र हम आपके लिए ख़ास लेकर
आए हैं पूरी दुनिया की ऐसी जगहें और नज़ारें
जिन्हें देखने के बाद आपका दिल इनके नज़दीक
पहुंचने के लिए मचल जाएगा...
यह एक प्राकृतिक गैस क्षेत्र है जो सन् 1971 में धंस
गया था. वैज्ञानिकों,(भूगर्भशास्त्रियों) ने मिथेन
गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए वहां आग लगा दी
और तब से अब तक वे लगातार जल रहे हैं.
2. फ्लाई गीज़र, नेवादा...
यह गीज़र मात्र 5 फीट ऊंचा है जो सन् 1964 में कुंए
की खुदाई की वजह से उत्पन्न हो गया था. ऐसा
माना जाता है कि इस गीज़र के पीछे जियोथर्मल
एनर्जी का हाथ है.
3. रिचाट स्ट्रक्चर,मौरिशानिया...
इसे पहेल-पहल देखने वालों ने ऐसा माना था कि
किसी उल्कापिंड के यहां गिरने की वजह से इसका
निर्माण हुआ था. तो वहीं कई लोगों का ऐसा
मानना था कि धरती के कटाव की वजह से यह
स्ट्रक्चर बन गया था. हालांकि, इसे लेकर किसी
निष्कर्ष तक हम अब तक नहीं पहुंच पाये हैं.
4. सनातन दीप, ऑरचर्ड पार्क,न्यूयॉर्क...
इस वॉटर-फॉल के निचले हिस्से में एक गुफा है जहां से
प्राकृतिक गैस निकलती है. यह प्राकृतिक गैस दीप
की तरह जलता रहता है और जब तक इस पर कोई
बाहरी दबाव नहीं डाला जाता तब तक यह दीप
नहीं बुझता है.
5. सालार दे यूयूनी, बोलीविया...
पूरे विश्व में सबसे बड़ा और समतल नमक के मैदान का
निर्माण हुआ था जब एक प्रागैतिहासिक झील
बिल्कुल से सूख गया था. इस नमकीय और क्षारीय
तल पर जल की हल्की परत जमा होने पर यह आईना
की तरह चमकता-दिखता है और इसकी सतह पर उगते-
डूबते सूरज और चंद्रमा को देखना तो बस ऐसा होता
है जैसे आप जन्नत में हों.
6. रीड फ्लूट केव, गुआंग्क्सी, चीन...
यह एक प्राकृतिक चूने की गुफा है जिसमें ऐसा लगता
है कि ईश्वर ने अपने हाथों से जगह-जगह कूचियां चलाईं
हो, और इसमें ख़ास बात यह है कि इस प्राकृतिक
पेंटिंग के पीछे की वजह को अब तक कोई नहीं जान
पाया है.
7. अपर कनारा फाल्स,कनाराविले, ऊटा...
जल के तेज बहाव और चट्टानों के क्षरण की वजह से
निर्मित इस जलीय गुफा के भीतर के नज़ारे किसी
को भी दंग कर सकते हैं. इस गुफा के भीतर घूमने पर
ऐसा लगता ही नहीं कि ये हमारी दुनिया का
हिस्सा है.
8. ऐंटिलोप कैनियन, ऐरिजोना...
इस कैनियन का निर्माण नवाजो सैंडस्टोन में क्षरण
की वजह से हुआ था. इसे देखने के बाद ऐसा लगता है
जैसे आप किसी प्राकृतिक पेंटिंग के बीच घूम रहे हों.
9. फिंजल की गुफा, स्कॉटलैंड...
का ठंडा होना एक बड़ी वजह माना जाता है. इस
गुफा को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बड़े-
बड़े नट-बोल्टों को एक दूसरे के ऊपर कस दिया गया
हो.
10. झांगये डांक्सिया लैंडफॉर्म,चीन...
वैसे तो चीन ख़ुद में ख़ूबसूरत नज़ारों का अंबार है. मगर
इन रंग-बिरंगे पर्वतों को ऊपर से देखने पर ऐसा लगता
है जैसे किसी ने इन्हें फुर्सत में रंगा हो. ऐसा माना
जाता है कि प्राकृतिक क्षरण और मौसमी दाब की
वजह से इन पर्वतों के रंग में समय बीतने के साथ-साथ
बदलाव आता गया, और आज ये सारे पर्वत अद्भुत
नज़ारे प्रस्तुत करते हैं.
11. स्केफ्टाफेल, आइसलैंड...
इस बेहद ख़ूबसूरत और ठंडे गुफा का निर्माण ठंड के
मौसम में होता है जब ग्लेशियर वाली नदी जम
जाती है. इसे देखने पर तो आप विश्वास ही नहीं कर
पायेंगे कि ये हमारी दुनिया का हिस्सा है.
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